१६, अगस्त२०११ - आज अन्ना की गिरफ़्तारी भारतीय लोकतंत्र का फिर एक काला दिन, १९७४ के जे० पी० आन्दोलन की याद ताजा कर गयी जब देश में लोकतंत्र को कुचल कर आपातकाल की घोषणा की गयी थी I
अन्ना, अरविन्द, किरण और उनके सहयोगियों को किस कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है - अंग्रेजो के बनाये काले कानून की धारा में जिसे आज तक हम ढो रहे हैं ,जो आजादी के ६४ वर्षों के बाद भी इस स्वतंत्र भारत के इतिहास को हमेशा कलंकित करती रही है
अन्ना, अरविन्द, किरण और उनके सहयोगियों को किस कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है - अंग्रेजो के बनाये काले कानून की धारा में जिसे आज तक हम ढो रहे हैं ,जो आजादी के ६४ वर्षों के बाद भी इस स्वतंत्र भारत के इतिहास को हमेशा कलंकित करती रही है
आज पुनः कांग्रेस शासित केंद्र सरकार ने यह साबित किया है की सत्ता के नशे में चूड़ इस सरकार को लोकतंत्र से कोई लेना-देना नहीं है, यह मानसिक रूप से सामंतवादियों, भ्रस्ट लोगो की सरकार है जो आज निरंकुश, दमनकारी, अत्याचारी, भ्रस्टाचारी, ब्याभिचारी, क्रूरता, और शोषण में अंग्रजो जैसा ही विश्वास रखती है -- इस देश को इनके चंगुल से मुक्ति मिलनी ही चाहिए जो आम आदमी को अपनी बात रखने के अहिंसक तरीके से भी सुनने में परहेज करती हो और आम आदमी को ऐसा करने से रोके
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